आज मुझे एक ही कक्षा लेना था। 9D के छात्रों को ' मुक्तिबोध ' की ' पक्षी और दीमक ' नामक कहानी का बाकी भाग पढ़ना था। कहानी का और एक भाग मैंने पढ़ा था। आज के कक्षा में छात्र कुछ शरारती सा लगी। दंड देना टांटना ये मझे पसंद नहीं है। लेकिन बीच में टाँट देना पड़ेगा। दूसरे पीरियड में कक्षा ले लिया। कई तरह के प्रयास सहकर मैंने पाठ भाग का अंश पढ़ाया। सम्मिल नामक लड़के को वचन बहुत कठिन है। रिधिन और मालिक दोनों अच्छे छात्र थे। वे अच्छी तरह से तान अनुतान के साथ पाठ भाग का वचन किया था। कन्नन जैसा एक छात्र वचन अभिव्यक्ति में कुछ परेशानियाँ सहते थे। कक्षा में छात्रों के प्रतिक्रिया कम है लेकिन कभी कभी ध्यानपूर्वक सुनते रहते हैं।