आज मुझे नवीँ कक्षा को ' पक्षी और दीमक ' पाठभाग का बाकी भाग पढ़ाना था। दूसरा कलांश में कक्षा था। कक्षा में 25 छात्र उपस्थित थे। आज मुझे एक पाठयोजना को पूरी तरह पढ़ाया जा सकता। प्रवेश कार्य से अनुवर्ती कार्य तक ठीक तरह से पूर्वनिर्धारित पाठयोजना के साथ चलाया था। इसलिए मुझे बहुत ख़ुशी है।
कक्षा समाप्त करने के बाद विद्यालय में अध्यापक अभिभावक संघ की एक आयोजना चला था। उसी समय हम कुछ चात्राध्यापकों को विद्यालय के भाग से दिए जानेवाली चावल देने को कहते थे। हम लोग वहाँ आकार चावल बाँट थी। फैलीक्स, विष्णु, अखिल, अभिनन्द एवं मैं भी इसमें भागीदारी बने। यह एक अन्य अनुभव प्रदान किया।